________________ सिरि पासणाह-थुत्तं सिरि पासनाह ! पसरियमहं तमोहं (जण) मणुग्गहि उं / तं पाणयाउ चविओ चित्त-चउत्थीइ कसिणाए // 1 // बाणार सीइ तं अस्ससेण-वामाण पोस दसमीए। कसिणाइ नीलवन्नो फणिरायविराइओ जाओ // 2 // . . नवहत्थपमाण तुमं तीसं वासाइं वसिय-कु मरत्ते / अट्ठम तवेण आसमपयम्मि तिहिं नर-सएहिं समं // 3 // क सिणाइ पोस-इक्कार सीइ सामनमुत्तमं पत्तो। बीयदिणे तुह दिन पर मन्नं नाह! धनोण // 4 // चुलसी-दिणे हिं चित्ते कसिण-चउत्थीइ आसमपयम्मि। उल्लसिय-के वलेणं तुमए दस गणहरा विहि या // 5 // सोलस तह अड तीसा सहसा मुणि साहुणीण तुह भत्ता। पास-पउ मावईउ पसेणई चेव नर नाहो // 6 // सत्तरि-वासाइं वयं वाससयं आउ नेमिनाहाओ। अद्धट्ठम सय-समहि य-ते सीइ-वाससह से हि // 7 // मुणिं तेत्तीसा य समं सावण-सिय-अट्ठ मीइ सम्मे ए। सिद्धोसि हरसु मोहं मह जह पेच्छोमि सामि तुमं // 8 // *** सिरि वड्डमाण-थुत्तं सिरिवद्धमाणजिण! पाणयाउ आसाढ-सुद्ध-छट्ठीए। भवणमिणं बोहे उं कण्डग्गामं तमं पत्तो॥ 1 // , तिसला-सिद्धत्थाणं चित्तेसिय-तेरसीइ सीहं को। . तं सत्त हत्थकाओ जाओ चामीयरत्थाओ॥ 2 // कु मरोसि वास-तीसं कय-छट्ठो मग्ग-कसिण-दसमीए। नीह रिय नायसंडे एगो पर मनामनादिणे // 3 // , पत्तो बहु लाउ गए पक्खाहिय सड-वास वार सगे। उज्जु वालियाइतीरे नईइ वइसाह दसमीए॥ . 4 // सुद्धाइ लद्ध केवल एक्कारस गणहरा तए विहिया। चउद्दस तह छत्तीसा सह सा मुणि अज्जियाणं च // 5 // मायंगजक्ख सिद्धाइयाओ सेणियनिवो य तुह भत्ता / वासा बायालीसं दिक्खा बावत्तरी आउं // 6 // अड्डाइज सएहिं गएहिं वासाण पासनाहाओ। अवसप्पिणीइ गुणनवइ पक्ख सेसे चउत्थर ए॥ 7 // निव्वाणो कत्तियमावसाइ एगोसि तं अपावाए। पयड सि जयदीव जयं जह तह कुरु देवभद्दाइं // 8 // [अनुसंधान अंक-४०] 000 लेख संग्रह 208