________________ विषयानुक्रमणी अध्याय 1. विश्व का अद्भुत संग्रहालय : जैसलमेर का जिनभद्रसूरि ज्ञान भण्डार 2. जैनागमों की अप्रकाशित संस्कृत व्याख्यायें 3. जैन स्तोत्र साहित्य : एक विहंगावलोकन 4. मुद्राराक्षस की सामाजिक पीठिका में जैन तत्त्व शत्रुञ्जयतीर्थाष्टक 6. श्री नेमिनाथादि-स्तोत्र-त्रय जिनपतिसूरि, जिनेश्वरसूरि सूरचन्द्र षड्भाषाबद्ध चन्द्रप्रभस्तव के कर्ता जिनप्रभसूरि हैं 8. स्याद्वादमंजरी मल्लिषेणसूरि 9. चतुर्विंशतिजिनस्तवनम् भुवनहिताचार्य 10. विराट नगर का एक अज्ञात टीकाकार-वाडव 11. प्रवर्तिनी मेरुलक्ष्मी के स्तोत्र 12. वर्धमानाक्षरा चतुर्विंशतिज़िनस्तुतिः श्री लक्ष्मीकल्लोलगणि 13. भावप्रदीपः 14. महोपाध्याय समयसुन्दर 15. मेघदूत-प्रथमपद्यस्याभिनव-त्रयोऽर्थाः महो. समयसुन्दरगणि 16. नवनवत्यधिकनवशताक्षरा महादण्डकाख्या विज्ञप्तिपत्री महो. समयसुन्दरगणि 17. अष्टलक्षी : एक परिचय महो. समयसुन्दरगणि 18.. एक नूतन ग्रन्थ महो. भानुचन्द्रगणि 19. मातृका-श्लोकमाला श्री श्रीवल्लभोपाध्याय 20. श्री पार्श्वनाथस्तोत्रद्वयम् श्री श्रीवल्लभोपाध्याय 21. महोपाध्याय सहजकीर्ति 22. अविद-पद-शतार्थी विनयसागरोपाध्याय 23. प्रणम्यपदसमाधानम् सूरचन्द्रोपाध्याय 24. राजस्थान के संस्कृत महाकवि एवं विचक्षण प्रतिभासम्पन्न ग्रन्थकार महोपाध्याय मेघविजय 25. धर्मलाभशास्त्र महो. मेघविजय 26. सप्तसन्धान काव्य : संक्षिप्त परिचय महो. मेघविजय 27. नैषधीयचरित टीका की दुर्लभ प्रति जिनविजय 28. माघ काव्य-दीपिकाकार ललितकीर्त्ति का समय 108 112 114 118 122 124 128 131 147 155 158 163