________________ स्थान पर परठना पारिष्ठापनिका प्र.188. समिति और गुप्ति में क्या अन्तर है? समिति कहलाती है। उ. 1. समिति में अशुभ का त्याग प्र.187. गुप्तित्रय के स्वरूप पर प्रकाश किया जाता है जबकि गुप्ति में डालिये। योग संबंधी समस्त शुभाशुभ 1. मनोगुप्ति-शुभ एवं अशुभ मान प्रवृत्तियों का सर्वथा त्याग किया सिक विचारों को अवरूद्ध करके जाता है। मन को आत्ममय बनाना या मन 2. समिति में विवेक एवं जयणा की मुख्यता होती है जबकि गुप्ति में को रोकना। पाँच इन्द्रियों एवं मन का सर्वथा 2. वचनगुप्ति- शुभ-अशुभ भाषा गोपन होता है। का त्याग करके मौन धारण 3. निरवद्य भाषा का प्रयोग करना करना। समिति है परन्तु सर्वथा मौन धारण 3. कायगुप्ति- उठना, बैठना आदि करना गुप्ति है। जयणापूर्वक समस्त कायिक प्रवृत्तियों से निवृत्त चलना समिति है और अप्रकंप एवं होकर कायोत्सर्ग करना। स्थिर होकर ध्यान करना गुप्ति है। ********** * * * 58 ****************