________________ प्र.39.परमात्मा महावीर ने किस भव में सम्यक्त्व प्राप्त किया था? उ. नयसार के भव में। प्र.40.परमात्मा महावीर ने किस भव में कुल मद किया था? उ. मरीचि के भव में। प्र.41.परमात्मा महावीर किस नाम से चक्रवर्ती एवं वासुदेव बने? उ. प्रियमित्र नामक चक्रवर्ती तथा त्रिपृष्ठ नामक वासुदेव। प्र.42.परमात्मा महावीर के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी दीजिये। उ. 1. नंदन मुनि के भव में 11 लाख 80 हजार 645 मासक्षमण . करके तीर्थंकर नाम कर्म का उपार्जन किया। 2. प्रथम माता - पिता ऋषभदत्त ब्राह्मण एवं देवानंदा ब्राह्मणी थे। 3. द्वितीय माता - पिता सिद्धार्थ ___ महाराजा और त्रिशला महारानी थे। 4. क्षत्रियकुण्ड नगर में चैत्र शुक्ला __ त्रयोदशी को जन्म कल्याणक हुआ। 5. जन्म राशि कन्या, स्वर्णवर्णीय काया, सिंह लांछन, सात हाथ प्रमाण शरीर तथा काश्यप गोत्रीय थे। 6. चाचा-सुपार्श्व, ज्येष्ठ भ्रातानंदीवर्धन, बहिन-सुदर्शना, पत्नीयशोदा, पुत्री-प्रियदर्शना, दामाद जमाली। 7. नाना-नानी राजा केक एवं यशोमती रानी तथा सास-श्वसुर समरवीर राजा एवं यशोदया रानी। 8. मिगसर वदि दशमी को तीस वर्ष की वय में छठ (बेले) तप में अशोक वृक्ष के नीचे दीक्षा ली। 9. ग्वाले, चंडकौशिक सर्प, संगम देव, शूलपाणि यक्ष, कटपूतना व्यंतरी आदि के महान् उपसर्ग समतापूर्वक सहे। 10. साधना काल के साढे बारह वर्षों में मात्र अन्तर्मुहूर्त प्रमाण निद्रा ली। 11. साढे बारह वर्ष के छद्मस्थ काल में मात्र 349 पारणे किये। 12. 30 वर्ष पर्यन्त तीर्थंकर अवस्था में विचरण किया। प्र.43. परमात्मा महावीर के तपोमय जीवन उ. 12 वर्ष 6 माह 15 दिन के छद्मस्थ साधनाकाल में प्रभु द्वारा आचरित तपस्या का विवरण इस प्रकार है1. एक बार छह मास का तप / 2. एक बार पाँच माह पच्चीस दिन का . तप। 3. नौ बार चार मास का तप / 4. दो बार तीन मास का तप। 5. दो बार ढाई मास का तप। 6. छह बार दो मास का तप। 7. दो बार डेढ मास का तप / 8. बारह बार एक मास का तप। . 9. बहत्तर बार पन्द्रह दिन का तप।