________________ तीर्थंकर और समवसरण उ. प्र. 22. तीर्थंकर किसे कहते हैं? अथवा अतिशय युक्त प्राचीन प्रतिमा उ. वे महापुरूष जो. साधु, साध्वी, हो, उसे स्थावर तीर्थ कहते है। श्रावक, श्राविका रूप चतुर्विध संघ प्र.25.तीर्थंकर परमात्मा के कितने (तीर्थ) की स्थापना करते हैं, वे कल्याणक होते हैं? तीर्थंकर कहलाते हैं। जो संसार- उ. पाँच - 1. च्यवन (गर्भ) 2. जन्म 3. दीक्षा सागर से तिराता है, उसे तीर्थ 4. केवलज्ञान और 5. निर्वाण। कहते है। आश्चर्य स्वरूप परमात्मा महावीर के प्र. 23. तीर्थंकर के पर्यायवाची क्या क्या गर्भापहार कल्याणक सहित छह हो सकते हैं? कल्याणक हुए, जिनका उल्लेख 1. परमात्मा-परम ज्ञानादि गुणों को कल्पसूत्र में प्राप्त होता है। प्राप्त होने से तीर्थंकर को परमात्मा प्र.26.तीर्थंकर किस गति से आते हैं एवं कहा जाता है। किस गति में जाते हैं? 2. जिन-राग-द्वेष रूपी शत्रुओं को उ. कोई भी तीर्थंकर देव अथवा नरक गति जीतने के कारण तीर्थंकर को जिन, से आते हैं तथा समस्त कर्मों का जिनराज और जिनेश्वर कहा जाता आत्यन्तिक क्षय कर मोक्ष गति को प्राप्त है। करते हैं। 3. वीतराग-भवभ्रमण के मूल राग, द्वेष आदि दुर्गुणों का संपूर्ण क्षय होने प्र.27.तीर्थंकर की माता कितने महासे वीतराग कहा जाता है। स्वप्न देखती है? 4. भगवान-परम तेजस्वी, अनत्तर उ. चौदह महास्वप्न - 1. हाथी 2. वृषभ ज्ञानी एवं दिव्य स्वरूपी होने से 3. केसरी सिंह 4. लक्ष्मी 5. पुष्पमाला तीर्थंकर भगवान कहलाते हैं। 6. चंद्र 7. सूर्य 8. ध्वज 9. कलश प्र. 24. तीर्थ कितने प्रकार के होते हैं? / 10.पद्मसरोवर 11. क्षीर समुद्र 12. उ. 1. जंगम तीर्थ- चतुर्विध संघ को देवविमान 13. रत्नराशि 14. निर्धूम जंगम तीर्थ कहते है। अग्नि / 2. स्थावर तीर्थ- जहाँ तीर्थंकर यदि तीर्थंकर का जीव नरक गति से परमात्मा के कल्याणक, चातुर्मास हुए आता है तो माता देवविमान के स्थान हो अथवा उनका विचरण हुआ हो पर भवन का स्वप्न देखती है। **************** 12 ********** *****