________________ उ. नवकार मंत्र विघ्न विनाशक, प्रसन्नता प्र.21.नवकार मंत्र का कब-कब जाप -प्रदायक एवं संपत्तिकारक मंत्र है। करना चाहिये? इसके जाप से न केवल पाप- उ. 1.सोते और जागते समय / ताप-संताप नष्ट होते हैं अपितु मुक्ति 2. किसी भी अन्य मंत्र का जाप शुरू करने रूपी शाश्वत सुख की भी प्राप्त होती से पहले। है। इस मंत्र के स्मरण से 3. किसी भी कार्य की शुरुआत करने से 1. सुभद्रा सती ने चंपानगरी के द्वार पहले। __ खोले। 4. यात्रा हेतु प्रस्थान करने से पहले। 2. सीता सती ने अग्निकुण्ड शीतल 5. दुकान, स्कूल के लिये प्रस्थान करने ___ जलकुण्ड में बदला। से पहले। 3. श्रीमती के हाथ में रहा हुआ सर्प पुष्प 6. दुःख, दुर्घटना और पीडा के क्षणों में। ___ माला में परिवर्तित हुआ। 7. मानसिक तनाव, घुटन, हीनभाव 4. इस महामंत्र के प्रभाव से अमर कुमार आदि संतापजनक स्थितियों में। की शूली सिंहासन बन गयी। 8. सांसारिक कार्य यथा विवाह, जन्म 5. नवकार मंत्र के प्रभाव से सिंहस्थ आदि उत्सव के पलों में। राजा से अनन्तमति ने अपने शील .. 9. आपसी कलह, कषाय और की रक्षा की। क्लेशजनक स्थिति में। 6. पार्श्वकुमार के मुख से नवकार का 10.शुभ अथवा अशुभ समाचार श्रवण के श्रवण कर अग्नि में जलता हुआ क्षणों में। सर्पयुगल मरकर धरणेन्द्र देव और 11.मानसिक विकास, राग-द्वेष, ईर्ष्या, पद्मावती देवी बना। मनमुटाव, वासना, आक्षेप, उत्तेजना, श्रीपाल, मयणासुंदरी, शिवकुमार, शोक, भय, अरति, माया आदि नर्मदासुंदरी, अंजना सती आदि आन्तरिक रोगों की उत्पत्ति के अनन्त आत्माओं ने इस मंत्र का समय। श्रद्धा एवं शुद्धिपूर्वक जाप करके आत्म कल्याण किया।