________________ इस अनोखे ग्रन्थ में न केवल आत्म-शुद्धि का मार्ग है अपितु स्वास्थ्य का विज्ञान भी है। और एक विशेष बात कि उसमें कोई कठोरता नहीं है, परिस्थिति के अनुसार Flexible भी है। मेरे गुरु ने मुझे दो शब्द' लिखने की प्रेरणा दी, तदर्थ मैं अपने आपको भाग्यशाली समझता हूँ | मेरे समस्त श्रावक भाई-बहिनों से 'जैन जीवन शैली' का वाचन व आचरण करने का हार्दिक निवेदन / मुम्बई न्यायाधीश राजन जोधराज कोचर (निवृत्त) 13.10.2012 द्वितीय आवृत्ति 'जैन जीवन शैली' जीवन जीने की कला सीखाने वाला ग्रन्थ है। मात्र चार महिने की अल्पावधि में द्वितीय आवृत्ति का प्रकाशन प्रस्तुत पुस्तक की उपादेयता और उपयोगिता का पुष्ट प्रमाण है। यह मेरे लिये प्रसन्नता का विषय है कि पाठकों ने इसे अत्यन्त चाक से पढ़ा है। प्रस्तुत संस्करण के अन्त में 'पारिभाषिक शब्दकोष' भी जोड़ा है जिससे कठिन शब्दों के अर्थ समझ में आ सके / पूर्व नियोजित योजनानुसार यह पुस्तक दो भागों में रंगीन चित्रों के साथ प्रकाशित हो रही है, इसके साथ-साथ इसका द्वितीय खण्ड के आलेखन का विषय - क्रम भी निर्धारित किया जा रहा है। जैन जीवन शैली में निर्दिष्ट तत्त्व हमारे जीवन के अभिन्न अंग बने, यही हार्दिक अपेक्षा। मामलामा मणि चरण रज विकालमा मनshsure मुनि मनितप्रभसागर