________________ विद्वानों ने जैन धर्म को प्राचीन एवं स्वतंत्र धर्म के रूप में प्रमाणित किया है। राम, लक्ष्मण, सीता, पाँच पाण्डव, कृष्ण, सत्यभामा, रूक्मिणी, द्रौपदी आदि भी जैन धर्मानुयायी थे। महावीर के बाद अनेक राजा-महाराजा भी जैन हुए-जैसे चन्द्रगुप्त मौर्य, सम्राट् खारवेल, अशोक * सम्राट्, कुमारपाल, भामाशाह आदि। प्र.260. जैन धर्म नास्तिक है अथवा आस्तिक? . उ. जैन धर्म की आत्मा, परमात्मा, पुण्य-पाप, स्वर्ग-नरक, कर्म-मोक्ष आदि में आस्था होने से आस्तिक है। प्र.261 कोई कहता है- गौशाला अनाथाश्रम बनाना धर्म है, कोई कहता है - प्रजा का विधिवत् पालन करना धर्म है तो बतायें कि धर्म का वास्तविक अर्थ क्या है? उ. धर्म के मुख्य रूप से तीन अर्थ होते वस्तु का स्वभाव (गुण) धर्म हैं। जैसे आग का स्वभाव उष्णता, पानी का स्वभाव शीतलता ,सूर्य का स्वभाव तेजस्विता आदि। 2. द्वितीय अर्थ- धर्म का दूसरा अर्थ परम्परा, कर्तव्य और व्यवहार होता है। साम, दाम, दंड, भेद के द्वारा शासन चलाना, शत्रुओं को नष्ट कर प्रजा का रक्षण करना, यह सब राष्ट्र धर्म है। भूखे-प्यासे को जलाहार देना, अंधे, . बहरे, गूंगे, लूले आदि असहाय की सहायता करना, ये सब सामाजिक धर्म है। माता-पिता की सेवा करना, संतान का लालन-पालन करना, यह पारिवारिक धर्म है। ये तीनों धर्म सामाजिक व्यवहार में गिने जाते हैं। 3. तृतीय अर्थ-आत्म शुद्धि, कषाय मुक्ति एवं मोक्ष-प्राप्ति के हेतु से किये जाने वाले जप-तप, ज्ञान-ध्यान, संयम-साधना आदि निर्मल अनुष्ठान आत्म धर्म कहे जाते हैं। 1. प्रथम अर्थ-'वत्थु सहावो धम्मो' * ******* * 85 ** *******