________________ 218 सिरिउसहनाहरिप भाणुनिवहिययचंदो, सुवयापुव्वायलेसउसिणंम् / धम्मजिणेसो भयवं, विहेउ धम्मे मई मज्झ // 15 // सिरिसंतिणाहजिणवर ! अइरादेवीवरंगओ भवम् / निववीससेणकुलणह-चंदो ! भवियाण संतिगरो // 16 // सिरिकुंथुणाह ! भयवं !, सूरनरिंदकुलगयणतिमिरारी / / सिरिजणणी-कुक्खिमणी !, जएमु उम्महियमयणमओ // 17 // देवीमाणसहंसो, सुदंसणनरिंदचित्तघणमोरो। तित्थयरो अरणाहो, देउ मम भवुत्तरणवरयं // 18 // कुंभनरेससमुद्दाऽमयकुंभो मल्लिणाहजिणचंदो। देविपहावइजाओ, दिसउ सिवं कम्मखयमल्लो // 19 // पउमावइदेवीसुअ ! सुमित्तहिमवंतपोम्म-दहरूवो ! / मुणिमुव्वयतित्थेसो ! 'पणई अम्हाण तुम्ह सिया // 20 // वप्पादेवीरोहण-गिरिरयण ! विजयनरिंदकुलदीव! / विस्सनमंसियपयकय ! नमिजिणवर ! देसु मुत्तिमुहं // 21 // अरिहा अरिहनेमी समुद्दभूवइसमुहरयणीसो / . असिवाणि सिवासूण, हरेउ भवियाण नमिराणं // 22 // पासजिणीसरदेवो वामामणनंदणो पसंतिगरो / रायाऽससेणतणुओ विग्यहरो होज्ज अम्हाणं // 23 // सिद्धत्यभूवतणो तिसलाहिययसररायहंससमो। चरमजिणेसो वीरो अणंतमक्खयपयं देज्जा // 24 // इअ चउवीसजिणथुई, पढिज्जमाणा इमाउ भवियाणं / कत्थूरमरिरइआ, भवदुहहरणी सया होज्जा // 25 // प्रणति:-प्रणामः /