________________ 226 बृहत्कल्पचूर्णिः // [पीठिका 137 189 538 260 748 325 317 565 306 712 708 584 13 258 745 323 315 562 87 145 84 303 180 179 150 709 705 581 13 626 * 156 629 39 33 . 116 734 156 129 737 107 350 678 393 186 29 106 348 सग्गामभिहडि गंठी सच्चित्तादी तिविहो सज्झायमसज्झाए सटाणे सट्टाणे सण्णाय कारगे पक० सण्णायगेहि णीते सण्णिकरिसो परो हो० सत्तट्ठ णवग दसगं सत्तरत्तं तवो होति सत्तेव य मूलगुणे सब्भावमसब्भावे समणे समणी सावग समयाइ ठिति असंखा सम्मत्तपोग्गलाणं सम्मत्तम्मि अभिगओ सम्मत्ते पुण लद्धे सयमवि ण पितति महिसो सरगोयरो अ तिरियं सल्लुद्धरणे समणस्स सव्वज्झयणा णामे सव्वण्णुप्पमाणाओ सव्वण्णुप्पामण्णा सव्वे वा गीयत्था ससमयपरसमयविऊ ससरक्खे ससिणिद्धे संघिया य पयं चेव संजमहेउं लेवो संजाणणेण सण्णी संजुत्तासंजुत्तं संजोग सइंगाले संठाणमगारांई संति पमाणाति पमे० संति लंभम्मि अणियया संथरतो सट्ठाणं संभिच्चेण व अच्छह संविग्गमसंविग्गा संविग्गो दव्व मिओ 675 96 172 106 72 88 391 269 319 348 96 159 mm Fr Sm3 267 317 346 618 244 537 302 527 84 135 543 139 540 44 180 567 50 180 570 326 551 P0 324 141 423 113 548 421 735 738 187