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________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 2-1-1-6-5 (369) 95 को देने के लिये सुखाने के लिये छाज से साफ किये हो, करते हो या करनेवाले हो, तब ऐसे प्रकार के पृथुकादि प्राप्त होने पर भी साधु ग्रहण न करें... V सूत्रसार : प्रस्तुत सूत्र में बताया गया है कि- यदि कोई गृहस्थ सचित्त रज कणों से युक्त चावल आदि अनाज के दानों को या अर्द्ध पक्व चावल आदि के दानों को सचित्त शिला पर पीस कर या वायु में झटक कर उन दानों को साधु को दे तो साधु उन्हें अप्रासुक समझकर ग्रहण न करे। इसमें समस्त सचित्त अनाज के दाने तथा सचित्त वनस्पति एवं बीज आदि का समावेश हो जाता है। यदि कोई गृहस्थ इन्हें सचित्त शिला पर कूट-पीस कर दे या वायु में झटक कर उन्हें साफ करके दे तो साध उन्हें कदापि ग्रहण न करे। प्रस्तुत सूत्र का तात्पर्य यह है कि सचि अनाज एवं वनस्पति आदि तो साधु को किसी भी स्थिति में ग्रहण नहीं करने चाहिए, चाहे वह सचित्त शिला पर कूट-पीस कर या वायु में झटककर दी जाए या क्रूटने झटकने की क्रिया किए बिना दी जाए। इसके अतिरिक्त यदि अचित्त अन्न के दाने, वनस्पति या बीज सचित्त शिला पर कूट-पीस कर या वायु में झटककर दिए जाएं तो वे भी साधु को ग्रहण नहीं करने चाहिए। अब आहार ग्रहण करते समय साधु को पृथ्वीकायिक जीवों की किस प्रकार यतना करनी चाहिए, इसका उल्लेख करते हुए सूत्रकार महर्षि सुधर्म स्वामी आगे का सूत्र कहतें हैं... I . ' सूत्र // 5 // // 369 // से भिक्खू वा जाव समाणे से जं० बिलं वा लोणं उब्भियं वा लोणं असंजए जाव संताणाए भिंदिसु वा रुचिंसु वा बिलं वा लोणं उब्भियं वा लोणं अफासुयं नो पडिग्गाहिज्जा || 369 // // संस्कृत-छाया : सः भिक्षुः वा यावत् प्रविष्टः सन् सः यत् बिलं वा लवणं, अद्भिदं वा लवणं, असंयतः यावत् सन्तानायां अभैत्सुः वा पिष्टवन्त: वा, बिलं वा लवणं, उद्भिदं वा लवणं अप्रासुकं न प्रतिगृह्णीयात् || 369 // III. सूत्रार्थ : साधु और साध्वी भिक्षा के लिये जाते ऐसा जाने कि- बिल (खाण में निकला नमक) उद्भिज (समुद् किनारे या अन्य स्थान पर खारेपानी से बनाया) नमक तथा अन्य प्रकार का
SR No.004438
Book TitleAcharang Sutram Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
PublisherRajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
Publication Year
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size14 MB
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