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________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका // 1-6-1-3 (188) 1 II सूत्रार्थ : उदर-रोग जलोदरादि 9 से 16 महारोग... जो सूत्रांक 186 में लिखे गये हैं... IV टीका-अनुवाद : वात-पित्त आदि से उत्पन्न होनेवाला उदर रोग आठ प्रकार से होते हैं; यह उदर रोग जिस प्राणी को हो वह उदरी है... उनमे से जलोदर रोग असाध्य है, शेष उदर रोग तत्काल उपाय करने से साध्य होते हैं... वे आठ प्रकार यह हैं... 1. वात प्लीह, 2. पित्त प्लीह, 3. श्लेष्म प्लीह, 4. वात बद्ध गुद, 5. पित्तबद्धगुद, 6. श्लेष्म बद्धगुद, 7. आगंतुक, और 8. जलोदर... तथा मुंगे अथवा अस्पष्ट बोलनेवालों को देखो ! कि- जो गर्भ दोष से या जन्म के बाद ऐसे मूंगे हुए हैं... मुख में पैंसठ (65) रोग हो शकतें हैं... वे इस प्रकार- मुख के मुख्य सात स्थान हैं... 1. ओष्ठ, 2. दंतमूल, 3. दांत, 4. जिह्वा (जीभ), 5. तालु, 6. कंठ, 7. सर्वस्थान... 1. ओष्ठ (दोनों) में कुल आठ (8) रोग हो शकतें हैं 2. दांत के मूल (पेढा) में कुल पंद्रह (15) रोग हो शकतें हैं. दांत में कुल आठ (8) रोग हो शकतें हैं : 4. जिह्वा (जीभ) में कुल पांच (5) रोग हो शकतें हैं 5. तालु में कुल नव (9) रोग हो शकतें हैं / 6. कंठ (गले) में कुल सत्तरह (17) रोग हो शकतें हैं 7: सर्व मुखस्थान में कुल तीन (3) रोग हो शकतें हैं सभी मीलाकर मुख के कुल 65 रोग होते हैं... तथा शूनत्व याने श्वयथुः, वात, पित्त, श्लेष्म, सन्निपात, रक्ताभिघात भेद से 6 प्रकार का शूनत्व है... कहा भी है कि- श्वयथु याने शोफ (सूजन) 6 प्रकार के होते हैं; वह वात, पित्त, श्लेष्म के बढने से महा भयंकर होते हैं तथा सन्निपात याने वात-पित्त-कफ तीनों के एक साथ विषम होने से या कोइ भी दो या एक के विषम होने में भी शरीर में सूजन होता है तथा लोही का अभिघात (विकार) होने से भी शरीर में सूजन होता है... तथा गिलासणी याने भस्मक रोग... और यह भस्मक रोग वात एवं पित्तकी उत्कटता से तथा श्लेष्म की न्यूनता से उत्पन्न होता है... तथा वेवइ याने कंपन... यह रोग वायु (वात) से उत्पन्न होता है, और शरीर में कंपन होता है... कहा भी है कि- जो अतिशय कंपन होता
SR No.004437
Book TitleAcharang Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
PublisherRajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
Publication Year
Total Pages368
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size8 MB
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