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________________ श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी - हिन्दी - टीका 1 - 9 - 3 - 8 (311) // 295 I सूत्र // 8 // // 311 // 1-9-3-8 नागो संगाम सीसे वा, पारए तत्थ से महावीरे। एवंपि तत्थ लाहिं, अलद्ध पुव्वोवि एगया गामो // 311 // II संस्कृत-छाया : नागो संग्रामशीर्षे वा पारगः तत्र स महावीरः। एवमपि तत्र लाढेषु अलब्ध पूर्वोऽपि एकदा ग्रामः // 311 // III सूत्रार्थ : जैसे रण-संग्राम भूमि में हाथी वैरी की सेना को जीत कर पारगामी होता है, उसी प्रकार भगवान महावीर भी उस लाढ़ देश में परीषह रूपी सेना को जीत कर पारगामी हुए। एक दिन उस लाढ देश में कोइ गांव न मिलने पर वे अरण्य-जंगल में ही ध्यानस्थ हो गए। IV टीका-अनुवाद : श्री महावीरस्वामीजी ने अनार्य देश में हो रहे उपसर्गों को किस प्रकार सहन कीया ? इस प्रश्न के उत्तर में ग्रंथकार महर्षि कहतें हैं कि- जिस प्रकार हाथी युद्ध के मेदान में लश्कर (सेना) के अग्रभाग में रहकर शत्रुओं की सेना का विनाश कर के अपने राजा को विजय प्राप्ति में हेतु बनता है, उसी प्रकार श्रमण भगवान् श्री महावीरस्वामीजी लाढ (अनार्य) देश में परीषह सेना के ऊपर विजय को पानेवाले हुए... ____ लाढ देश संग्रामभूमी के समान इसलिये कहा है, कि- वहां गांव बहोत हि थोडे हैं जहां देखो वहां वन जंगल पर्वत आदि हैं... एक दिन तो रात्रि-निवास के लिये परमात्मा को गांव हि न मीला... उस दिन-परमात्माने वन में हि वसति कर के कायोत्सर्ग ध्यान कीया था... V सूत्रसार : प्रस्तुत गाथा में बताया गया है कि- जैसे सुशिक्षित हाथी शत्रु के भालों की परवाह किए बिना उसके सैन्यदल को रौंदता हुआ आगे हि आगे चला जाता है और शत्रु पर विजय प्राप्त करता है, उसी तरह भगवान महावीर ने लाढ़ देश में परीषह रूपी शत्रु सेना पर विजय प्राप्त की। वे छद्मस्थ काल में परीषहों से कभी घबराए नहीं। लाढ़ देश में विचरते समय एक बार भगवान को संध्या समय गांव नहीं मिला। इससे स्पष्ट होता है कि- लाढ़ देश में गांव बहुत दूर दूर थे। रास्ते में ही संध्या हो जाने के कारण भगवान जंगल में ही ध्यानस्थ हो गए। इस तरह भगवान जंगल में घबराए नहीं और यह
SR No.004437
Book TitleAcharang Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayprabhvijay, Rameshchandra L Haria
PublisherRajendra Yatindra Jainagam Hindi Prakashan
Publication Year
Total Pages368
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_acharang
File Size8 MB
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