________________ अपरिग्रहः श्रुत.-अध्य.-उद्दे.-सूत्र- सूत्रांक तृतीय उद्देशक प्रारंभ 1- 5 -3 - 1 - (164) 1 - 5 - 3 - 2 - (165) 1 - 5 - 3 - 3 - (166) 1 - 5 -3 - 4 - (167) 1- 5 -3 - 5 - (168) पत्रांक 398 398 401 404 407 412 अव्यक्तः चतुर्थ उद्देशक प्रारंभ 1- 5 - 4 - 1 - (169) 1- 5 - 4 - 2 - (170) 1 - 5 - 4 - 3 -3 - (171) - (171) 1- 5 - 4 - 4 - (172) 416 416 421 425 427 हृदोपमः पंचम उद्देशक प्रारंभ 1- 5 - 5 - 1 - (173) 1- 5 - 5 - 2 - (174) - 5 - 5 - 3 - (175) 1- 5 - 5 - 4 - (176) 1- 5 - 5 - 5 - (177) 1- 5 - 5 - 6 - (178) 434 434 439 443 444 450 453 कुमार्गत्यागः 458 458 460 षष्ठ उद्देशक प्रारंभ 1 - 5 - 6 - 1 1 - 5-6 - 2 1 - 5-6 - 3 1- 5-6 - 4 1 - 5 - 6 - 5 1 - 5-6-6 1- 5 - 6 - 7 - (179) - (180) - (181) - (182). - (183) - (184) - (185) 464 466 .... 467 469 474 नियुक्तयः नियुक्ति अध्ययन-२ नियुक्ति अध्ययन-3 नियुक्ति अध्ययन-४ नियुक्ति अध्ययन-५ 478 480 482 484-486 मा नमः श्री जिनप्रवचनाय मा णमोऽत्थु णं समणस्स भगवओ महावीरस्स मा सरस्वत्यै नमः स्वाहा