________________ कषायवमनम श्रुत.-अध्य.-उद्दे.-सूत्र- सूत्रांक चतुर्थ उद्देशक प्रारंभ 1 - 3 - 4 - 1 - (134) 1- 3 -4 - 2 - (135) 1 - 3 - 4 - 3 - (138) 1 - 3 - 4 -4 - (137) 1 - 3 - 4 - 5 - (138) पत्रांक 279 279 283 284 290 292 सम्यक्त्व सम्यग्दर्शनम् 296 303 303 चतुर्थ अध्ययन प्रारंभ प्रथम उद्देशक प्रारंभ 1 - 4 - 1 - 1 1 - 4 -1-2 1- 4 - 1 - 3 1- 4 - 1 - 4 309 - (139) - (140) - (141) - (942) 310 312 सम्यगंज्ञानम् द्वितीय उद्देशक प्रारंभ 1 - 4 - 2 - 1 - (143) 1- 4 - 2 - 2 - (144) 1 - 4 - 2 - 3 - (145) 1- 4 - 2 - 4 - (146) 315 315 322 324 329 तपश्चर्या तृतीय उद्देशक प्रारंभ 1 - 4 -3 -1 1 - 4 - 3 - 2 1- 4 - 3 - 3 - (147) - (148) - (149) 330 330 383 346, सम्यक्चारित्रम् चतुर्थ उद्देशक प्रारंभ 1 - 4 - 4 - 1 - (150) 1- 4 - 4 - 2 - (151) 1- 4 - 4 - 3 - (152) 1 - 4 - 4 - 4 - (153) गा 349 349 352 354. 358 लोकसार एक-चर्या 361 366 3E पंचम अध्ययन प्रारंभ प्रथम उद्देशक प्रारंभ 1 - 5 - 1 - 1 1 - 5-1-2 1 - 5 - 1 - 3 1- 5-1-4 1 - 5 -1 - 5 - (154) - (155) - (156) - (157) - (158) 369 371 393 375 विरचमुनिः द्वितीय उद्देशक प्रारंभ 1 - 5 - 2 - 1 1- 5 - 2 - 2 1 - 5 - 2 - 3 1- 5 - 2 - 4 1 - 5 - 2 - 5 - (159) - (160) - (161) - (162) - (163) 303 303 387 390 392 394