________________ श्री राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिन्दी प्रकाशन (श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी हिन्दी टीका) प्रथम आगम सूत्र आचाराग के प्रथम भाग के सुकृत के द्रव्य सहयोगी शाह रिखवचंदजी ताराचंदजी वाणीगोता की धर्मपत्नी श्रीमती शान्तिबाई वाणीगोता, आहोर समय समय पर सुकृत कार्यो में अपनी लक्ष्मीका उपयोग करते रहते हैं, आहोर नगर में स्थित श्री गौडीपाश्वनाथ बावन जिनालय का शताब्दी महोत्सव खुब ही उत्साह, उमंग, उल्लास से विविध कार्यक्रमो सह मनाया गया, जिस में चढावा लेकर भव्यतम कल्याणमन्दिर महापूजन पढाया गया था... शाह रिखवचंदजी ताराचंदजी वाणीगोता आहोर (राजस्थान) // श्री ॐ।। शुभम् / /