________________ श्री राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिन्दी प्रकाशन (श्री राजेन्द्र सुबोधनी आहोरी हिन्दी टीका) प्रथम आगम सूत्र आचाराङ्ग के प्रथम भाग के सुकृत के द्रव्य सहयोगी स्वर्गीय मुथा तेजराजजी हिराचन्दजी दांतेवाडीया की धर्मपत्नी बदामीबाई, पुत्र पौत्र प्रपौत्र कानराज, सूरजमल, जयन्तीलाल, भंवरलाल, शान्तिलाल, नेमिचन्द, नरपतराज, विनोदकुमार, विक्रमकुमार, मनोजकुमार, नीलेशकुमार, जवेरकुमार, विरलकुमार, विजयकुमार, राजेन्द्रकुमार, कुशलकुमार, चैतनकुमार, संदीपकुमार, श्रीपालकुमार, भावेशकुमार... वि. सं.२०५९ वै.सु. 3 को आपकी पौत्री कविताकुमारी के दीक्षा महोत्सव एवं आपकी धर्मपत्नी के 21 छोड का उजमणा मथा तेजराजजी हिराचन्दजी दांतेवाडीया निमित्त भव्य अट्ठाइ महोत्सव कीया गया... आहोर कविताकुमारी दीक्षा अंगीकार कर के साध्वी श्रीमुक्तिरत्नाश्रीजी फर्म : शाह हिराचन्द पृथ्वीराजजी नाम घोषित कीया गया... मु. बल्लारी (कर्णाटक)