________________ 32. वही 33. षड्दर्शन समुच्चय टीका 34. लोकतत्त्व निर्णय (कर्मतत्त्व) 35. योगबिन्दु 36. वही 37. षड्दर्शन समुच्चय 38. वही 39. षड्दर्शन समुच्चय टीका 40. षड्दर्शन समुच्चय 41. वही 42. वही 43. वही 44. वही 45. षड्दर्शन समुच्चय टीका 46. सर्वज्ञ सिद्धि 47. लोकतत्त्व निर्णय (जैन मते) 48. वही 49. वही 50. वही 51. वही अ.८/३ पृ. 41 गा. 12 से 18 गा. 143 गा. 306 का.९ का. 10 पूर्वार्ध का. 17 पृ. 86 का. 21 से 25 का.६७ का. 72 का. 73 से 76 का. 81 का. 55 पृ. 322 श्लो. 64 श्लो. 31 श्लो. 32 से 35 श्लो. 17 श्लो. 29 श्लो. 31 | आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIIIIIIII सप्तम् अध्याय | 471]