________________ 394 395 401 407 409 409 ब) व्यवहारनय से 3) योग के अधिकारी 4) योग के भेद प्रभेद 5) योगशुद्धि के कारण 6) योग में साधकतत्व 7) योग में बाधकतत्व 8) योग की विधि 9) सदनुष्ठान में योग 10) असदनुष्ठान में तीर्थ-विच्छेद 11) आशयशुद्धि में योग 12) योग की दृष्टियाँ 13) योग की परिलब्धियाँ 14) आचार्य हरिभद्रसूरि का योग वैशिष्ट्य 410 410 416 418 421. 430 132 सप्तम अध्याय आचार्य हरिभद्र के दर्शन में अन्य दर्शनों की अवधारणाएं 1) सत् के सन्दर्भ में 2) आत्मा के सन्दर्भ में 3) योग के सन्दर्भ में 4) मोक्ष के सन्दर्भ में 5) कर्म के सन्दर्भ में 6) प्रमाण के सन्दर्भ में 7) सर्वज्ञ के सन्दर्भ में 8) अन्य सन्दर्भ में 439-471 439 440 446 448 452 455 464 465 32