________________ 10 1/ द 607 10 23 8/10/2 स्था. पद. 262, 263 2/5/105 23/1/288 11 पृ.८ 23 2/5/105 23/1/288 स्था . 69. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 70. प्रथम कर्मग्रंथ 71. प्रथम कर्मग्रंथ टीका 72. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 73. प्रथम कर्मग्रंथ 74. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 75. प्रथम कर्मग्रंथ 76. वही 77. प्रश्न राजवार्तिक 78. प्रथम कर्मग्रंथ 79. कल्पसूत्र 80. स्थानांग टीका 81. प्रज्ञापना टीका 82. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 83. प्रथम कर्मग्रंथ 84. स्थानांग टीका 85. प्रज्ञापना सूत्र 86. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 87. कर्म प्रकृति 88. स्थानांग टीका 89. श्रावक प्रज्ञप्ति टीका 90. प्रथम कर्मग्रंथ 91. स्थानांग टीका 92. प्रज्ञापना टीका 93. तत्त्वार्थ टीका 94. धर्मसंग्रहणी टीका 95. नवतत्त्व 96. प्रथम कर्मग्रंथ 97. गोम्मटसार कर्मकाण्ड 98. तत्त्वार्थ सूत्र 99. प्रशमरति 100. श्रावक प्रज्ञप्ति 101. धर्मसंग्रहणी 102. नवतत्त्व 103. धर्मसंग्रहणी 35 2/5/105 11 गा. स्था. 2/5/05 23, पृ. 130 815, पृ. 372 607, 608, पृ. 28 38 . 7/6 35 12 से 27 1 से 23 38 गा. 609 आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIIIIIIIIIIIIIIIIII | पंचम अध्याय | 382