________________ सूत्र 163, 286, 498, 600, 204 स्था २/सू. 103 स्त. ७/श्लो. 1 पृ. 29 श.१३, उदे. 21, पृ. 1103 शा. 1 सर्ग 2, गा.३ पृ. 70 पृ. 45 165 65. स्थानांग सूत्र 66. वही 67. शास्त्रवार्ता समुच्चय 68. हारिभद्रीय नन्दीवृत्ति 69. ध्यानशतक हारिभद्रीयवृत्ति 70. श्री भगवती सूत्र 71. अनादि विंशिका 72. लोक प्रकाश प्रथम भाग 73. दशवैकालिक हारिभद्रीय वृत्ति 74. ध्यानशतक हारिभद्रीय वृत्ति 75. अनुयोग मलधारीयावृत्ति 76. तत्त्वार्थहारिभद्रीयटीका 77. षड्दर्शन समुच्चय टीका 78. ललित विस्तरावृत्ति 79. ध्यानशतक 80. तत्त्वार्थ भाष्य 81. षड्दर्शन समुच्चय टीका 82. अंगुत्तर निकाय 83. स्थानांग 84. श्री भगवती सूत्र 85. तत्त्वार्थभाष्य 86. लोकप्रकाश 87. ध्यानशतक 88. शान्त सुधारस 89. अनुयोग हारिभद्रीयवृत्ति 90. तत्त्वार्थ हारिभद्रीयवृत्ति 91. ध्यानशतक हारिभद्रीयवृत्ति 92. श्री भगवती सूत्र 93. स्थानांग सूत्र 94. लोकप्रकाश 95. आवश्यक नियुक्ति (शिष्यहिताटीका) 96. स्थानांग सूत्र 97. ध्यान शतक हारिद्रीय वृत्ति पृ. 250 पृ. 102 गा. 53 पृ. 159 पृ. 250 9/38 स्था.३, सूत्र 153 श.११, उद्दे. 10, पृ. 119 पृ. 159 शा. 37 गा.५३ भा. 11, श्लो. 3 / पृ. 49 पृ. 165 पृ. 46 श.११, उद्दे. 9, पृ. 918 प+था. सूत्र. 420 2 सर्ग / गा.२ गा. 1057 पृ. 494 पृ. 46 आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIIIIIIIIIIIIIIIIINA द्वितीय अध्याय | 190)