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________________ पृ. 2 द्वितीय अध्याय की संदर्भ सूचि 1. स्थानांग वृत्ति स्था. 4, उद्देश.२, सूत्र. 297 2. उत्पादादि सिद्धिनामधेयं टीका 3. उत्पादादि सिद्धिनामधेयं प्रकरणम् . श्लो. 1 4. वीतराग स्तोत्र प्रकाश. 8 श्लो. 12 5. प्रशमरति सूत्र श्लो. 204 6. योगशतक ग्रन्थ गा. 71 7. तत्त्वार्थ सूत्र अध्याय 5. सू. 29 8. शास्त्रवार्ता समुच्चय श्लो. 478, 479 9. षड्दर्शन समुच्चय टीका पृ. 350 10. न्याय विनिश्चय पृ. 436 11. आप्त मीमांसा श्लो. 59 12. मीमांसा श्लोकवार्तिक पृ. 613 13. ध्यानशतकवृत्ति पृ. 44 14. द्रव्य-गुण-पर्याय रास ढाल 9, गा. 3, 9 15. आनंदघन ग्रन्थावली पद 59 16. तत्त्वार्थ भाष्य पृ. 281 17. तत्त्वार्थ हारिभद्रीय डुपडिका टीका पृ. 234 18. शास्त्रवार्ता समुच्चय स्तबक - ७/गा. 2 ,. 19. बृहद्रव्य संग्रह गा.१४ 20. न्याय विनिश्चय श्लोक. 117 21. वही श्लोक 119 / 22. वही श्लोक. 154 23. षड्दर्शन समुच्चय कारिका. 57 24. सन्मति तर्क टीका 25. ध्यानशतकवृत्ति पृ. 45 26. नय रहस्य 27. प्रशस्तपादभाष्य व्योमावतारीका 28. प्रमाणवार्तिकालंकार 2/3 29. उत्पादादि सिद्धि नामधेयं टीका पृ. 1 30. ऋगवेद ऋ.मं. 10 सूत्र. 129 31. कठोपनिषद् 2/20 पृ. 448 - पृ. 90 पृ. 129 आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VIIIIIIIIIN (द्वितीय अध्याय | 188 ]
SR No.004434
Book TitleHaribhadrasuri ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnekantlatashreeji
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trsut
Publication Year2008
Total Pages552
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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