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________________ चित्तवृत्तियों का निरोध योग - पातंजलीकृत योगसूत्र कर्म में कुशलता योग - बौद्धदर्शन मोक्ष के साथ युंजन योग - जैन दर्शन आचार्य हरिभद्र एक जैन दर्शन के समर्थक महायोगी होते हुए भी पक्षपात विरहित बनकर जहाँ सत्य उनको देखने में आया उन्होंने उसे उजागर किया अर्थात् परगतदर्शन योगी पुरुषों के प्रति भी योगदशा के कारण जिनके अन्तः करण में अतिशय अनुराग बहुमान भाव था / अत: आचार्यश्री ने अपने ग्रन्थ में महर्षि पतंजलि को “महामति'' विशेषण से सम्बोधित किया है। उन्होंने सामान्य ईश्वर को सर्वज्ञ मानकर सभी को आंशिक रुप से सर्वज्ञ के उपासक स्वीकारे हैं तथा उन्होंने इस तथ्य को साबित किया है कि नामभेद होने पर भी सर्वज्ञ एक ही है - जैसे योगदृष्टि समुच्चय में कहा है। सदाशिव: पर बह्म सिद्धात्मा तथातेतिच। शब्दैस्तदुच्यतेऽन्वर्थादेकमेवैवमादिभिः॥ नूतन योगदृष्टियों के प्रणेता आचार्य हरिभद्र :- . योग विषयक ग्रन्थों पर अनेक जैन आचार्य एवं अन्यदर्शनकारों ने विशद विशाल वाङ्मय की रचना की, लेकिन आचार्यश्री ने अपने “योगदृष्टि समुच्चय' में एक अलौकिक अद्भूत अनूठी आठ दृष्टियों का विवरण देकर जगत के सामने योग-सम्बन्धी एक नवीन अवधारणा प्रस्तुत की। आचार्यश्री ने अपने मति-वैभव से ही इस नवनीत को अपने ग्रन्थों में आख्यायित किया _“मित्रा तारा बला दीप्रा स्थिरा कांता प्रभा परा' आचार्य हरिभद्र अपनी उपर्युक्त योगदृष्टियों जैसे योग सम्बन्धी अपने दार्शनिक चिन्तन के कारण जगत प्रसिद्ध है। चार्वाक दर्शन को सभी दर्शनकारों ने दर्शन के रुप में अमान्य किया जबकि आचार्य हरिभद्र ने चार्वाक को भी दर्शन रुप में मानकर चार्वाक के प्रति भी समत्वभाव को अपनाया जो उल्लेखनीय है। इस प्रकार अपने आत्म वैदुष्य को वैशिष्ट्य से विख्यात आचार्य हरिभद्र का दर्शनजगत में एक महत्वपूर्ण स्थान है। समस्या : अनेक दर्शनकारों ने अपने -अपने मत को लेकर प्रतिस्पर्धात्मक पल खडा कर दिया, ऐसे पलों में पूर्ण प्रजा योग के महा साधक दार्शनिक आचार्य हरिभद्र ने अपनी निरहंकारिता से, निर्मलता से निश्चयता को प्रदर्शित किया। अपनी निराभिमानता का जगत को संदेश दिया।
SR No.004434
Book TitleHaribhadrasuri ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnekantlatashreeji
PublisherRaj Rajendra Prakashan Trsut
Publication Year2008
Total Pages552
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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