________________ 282 श्री औपपातिकसूत्रम् द०१०।२ ह०वृ० पत्र 25 विस्तरव्याख्या तूपपातिकानुसारेण वाच्याद० 10 / 3 ह०वृ० पत्र 25 आदिकरः यावत्करणात्......समस्तो औपपातिकग्रन्थप्रसिद्धो....... केवलमौपपातिकग्रंथादवसेयःद० 106 ह०वृ० पत्र 26 . जावति यावत्करणात् जणवूहे इ वा.......उग्गा भोगा इत्याद्यौपपातिकग्रन्थोक्तम्द० 10 / 14-19 ह०१० पत्र 28 उववातियगमेणीति औपपातिकग्रंथोक्तकौणिकवंदनगमनप्रकारेणायमपि निर्गतः द० 10 / 21 ह०वृ० पत्र 29 इहावसरे धर्मकथा औपपातिकोक्ता भणितव्या राज प्र. जंबु. सू०३६ अन्य आगमों में ओवाइयं के सूत्रःऔपपातिक सूत्र ___ भगवती सूत्र सू० 32 25 / 559-563 सू० 33 25/564-568 25576-579 25/582-598 सू० 43 25/600-612 25 / 613-618 9 / 204 सू०६५ सू०६६ सू० 44 सू०६४ सू० 49-55 3 / 178 3 / 180 3 / 179