________________ (3) गुणस्थान जीवसमास - मिच्छाऽऽसायण मिस्सा आविरयसम्मा य देसविरया य / विरया पमत्त इयरे अपुव्व अणियट्टि सुहुमा य // 8 // उवसंत खीणमोहा सजोगी केवलिजिणो अजोगी य / चौद्दस जीवसमासा कमेण एएऽणुगंतव्वा / / 9 // पंचसंग्रह - मिच्छोसासण मिस्सो अविरदसम्मो य देसरिदो य। विरदो पमत्त इयरो अपुव्व अणियट्टि सुहमो य / / 4 / / उवसंत खीणमोहो सजोगिकेवली जिणो अजोगी य / चौद्दस गुणट्ठाणाणि य कमेण सिद्धा य णायव्वा // 5 // (4) पर्याप्ति जीवसमास - आहार सरीरिंदिय पजत्ती आणपाण भासमणे / चत्तारि पंचछप्पिय एगिदिय विगल सण्णीणं // 25 // पंचसंग्रह - आहारसरीरिदियपज्जत्ती आणपाणभासमणो / चत्तारि पंच छप्पिय एइंदिय-वियल-सण्णीणं // 44 // (१)पृथ्वीकाय जीवसमास - पुढवी य सक्कर बालुया य उवले सिला य लोणूसे / अयतंब तउय सीसय रूपा सुवण्णे य वइर य / / 27 / / पंचसंग्रह - पुढवी य सक्करा बालुया य उवले सिलाइ छत्तीसा। पुढवीमया हु जीवा णिद्दिट्ठा जिणवरिंदेहिं / / 77 // .. (40)