________________ (ऋषभ कन्हैया (तर्ज-छोटा सा बलमा...) ऋषभ कन्हैया लाला आंगना में रूम झुम खेले। अँखियन का तारा प्यारा, आंगना में रूम झुम खेले।।टेर।। इन्द्र इन्द्राणी आई प्रेमधर गोदी में लेवे। हँसे रमावे करे प्यार, दिल की रलिया लेवे||1|| ugestiegengestegetestet Le रत्न पालनिये माता, लाल ने झुलावे झूले। करे लल्ला से अति प्यार, नहीं वो दूरीमेले।।2।। स्नान कराई माता लाल ने पहिनावे झेले। गले मोतियन का हार मुकुट सिर पर मेले||3|| ஒPP गुरू प्रसादे 'मुनि चौथमल' यों संबसे बोले। नमन करो हर बार, वो तीर्थङ्कर पहले।।4।। 卐 हर बात कबूल नहीं होती, हर आरजू पूरी नहीं होती। जिनके हृदय में आदिनाथ प्रभु हैं, उनको धड़कन की भी जरूरत नहींहोती।। / g estuesto