________________ जैन धर्म एवं दर्शन-110 जैन धर्म एवं साहित्य का इतिहास-106 5. निशीथ 5. महानिशीथ 6. महानिशीथ 6. राजप्रश्नीय 7. ऋषिभाषित 7. जीवाभिगम 8. जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति 8. प्रज्ञापना 9. द्वीपसागर प्रज्ञप्ति 9. महाप्रज्ञापना 10. चन्द्रप्रज्ञप्ति 10. प्रमादाप्रमाद 11. क्षुल्लिकाविमानप्रविभक्ति 11. नन्दी 12. महल्लिकाविमानप्रविभक्ति 12. अनुयोगद्वार 13. अंगचूलिका 13. देवेन्द्रस्तव 14. वग्गचूलिका 14. तन्दुलवैचारिक 15. विवाहचूलिका 15. चन्द्रवैध्यक 16. अरूणाोपपात .16. सूर्यप्रज्ञप्ति 17. वरूणोपपात . 17. पौरुषीमण्डल 18. गरूड़ोपपात 18. मण्डलप्रवेश 19. धरणोपपात 19. विद्याचरण विनिश्चय 20. वैश्रमणोपपात 20. गणिविधा 21. वेलन्धरोपपात . 21. ध्यानविभक्ति 22. देवेन्दोपपात . 22. मरणविभक्ति 23. उत्थानश्रुत 23. आत्मविशोधि 24. समुत्थानश्रुत . 24. वीतरागश्रुत 25. नागपरिज्ञापनिका 25. संलेखनाश्रुत 26. निरयावलिका 26. विहारकल्प 27. कल्पिका 27. चरणविधि / 28.कल्पावंतसिका 28 आतुरप्रत्याख्यान 29. पुष्पिता 29. महाप्रत्याख्यान 30. पुष्पचूलिका 31. वृष्णिदशा जहाँ तक श्वेताम्बर में प्रचलित आधुनिक वर्गीकरण का प्रश्न है, उसकी चर्चा के पूर्व यह जान लेना आवश्यक है- उसकी स्थानकवासी