________________ जैन धर्म एवं दर्शन-164 जैन - तत्त्वमीमांसा -16 एवं अपने व्युत्पत्तिलभ्य- अर्थ की दृष्टि से भिन्न-भिन्न हैं। वेद, उपनिषद् और उनसे विकसित वेदान्त दर्शन की विभिन्न दार्शनिक-धाराओं में सत् शब्द प्रमुख रहा है। ऋग्वेद में स्पष्ट उल्लेख है कि 'एक सद् वित्रा बहुधा वदन्ति' अर्थात् सत् (परम तत्त्व) एक ही है- विप्र (विद्वान्) उसे अनेक रूप से कहते हैं, किन्तु दूसरी ओर, स्वतन्त्र चिन्तन के आधार पर विकसित दर्शन-परम्पराओं, विशेष रूप से वैशेषिक–दर्शन में द्रव्य शब्द प्रमुख रहा है। ज्ञातव्य है कि व्युत्पत्तिपरक अर्थ की दृष्टि से सत् शब्द अस्तित्व का अथवा प्रकारान्तर से नित्यता या अपरिवर्तनशीलता का एवं द्रव्य शब्द परिवर्तनशीलता का सूचक है। सांख्यों एवं नैयायिकों ने इसके लिए तत्त्व शब्द का प्रयोग किया है। यद्यपि यहाँ यह स्मरण रखना चाहिये कि न्यायसूत्र के भाष्यकार ने प्रमाण आदि 16 तत्त्वों के लिए सत् शब्द का प्रयोग भी किया है, फिर भी इतना स्पष्ट है कि न्याय और वैशेषिक-दर्शन में क्रमशः तत्त्व और द्रव्य शब्द ही अधिक प्रचलित रहे हैं। सांख्यदर्शन भी प्रकृति और पुरुष- इन दोनों को तथा इनसे उत्पन्न बुद्धि, अहंकार, पाँच ज्ञानेन्द्रियों, पाँच कर्मेन्द्रियों, पंच तन्मात्राओं और पंच महार / को तत्त्व ही कहता है। इस प्रकार, स्वतन्त्र चिन्तन के आधार पर विकसित इन दर्शन परम्पराओं में तत्त्व, पदार्थ, अर्थ और द्रव्य शब्द पर्यायवाची रूप में प्रयुक्त होते हैं, किन्तु इनमें अपने तात्पर्य को लेकर भिन्नता भी मानी गयी है। तत्त्व शब्द सबसे अधिक व्यापक है, उसमें पदार्थ और द्रव्य भी समाहित हैं। न्यायदर्शन में जिन तत्त्वों को माना गया है, उनमें द्रव्य का उल्लेख प्रमेय के अन्तर्गत हुआ है। वैशेषिकसूत्र में द्रव्य गुण, कर्म, सामान्य, विशेष और समवाय- ये षट् पदार्थ और प्रकारान्तर से अभाव को मिलाकर सात पदार्थ कहे जाते हैं। इनमें भी द्रव्य, गुण और कर्म- इन तीन का ही अर्थ संज्ञा है, अतः सिद्ध होता है कि अर्थ की व्यापकता की दृष्टि से तत्त्व की अपेक्षा पदार्थ और पदार्थ की अपेक्षा द्रव्य अधिक संकुचित है। तत्त्वों में पदार्थ का और पदार्थों में द्रव्य का समावेश होता है। सत् शब्द को इससे भी अधिक व्यापक अर्थ में प्रयोग किया गया है। वस्तुतः, जो भी अस्तित्ववान है, वह सत् के अन्तर्गत आ जाता है, अतः सत् शब्द, तत्त्व, पदार्थ, द्रव्य आदि शब्दों की अपेक्षा भी अधिक व्यापक अर्थ का सूचक है। .