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________________ जैन धर्म एवं दर्शन-614 जैन- आचार मीमांसा-146 जो संयमी को पथभ्रष्ट करता है। (17) जो अपने उपकारी की हत्या करता है। (18) जो प्रसिद्ध पुरुष की हत्या करता है। (19) जो महान् पुरुषों की निन्दा करता है। (20) जो न्यायमार्ग की निन्दा करता है। (21) जो आचार्य, उपाध्याय एवं गुरु की निंदा करता है। (22) जो आचार्य, उपाध याय एवं गुरु का अविनय करता है। (23) जो अबहुश्रुत होते हुए भी अपने आपको बहुश्रुत कहता है। (24) जो तपस्वी न होते हुए भी अपने-आपको तपस्वी कहता है। (25) जो अस्वस्थ आचार्य आदि की सेवा नहीं करता। (26) जो आचार्य आदि कुशास्त्र का प्ररूपण करते हैं। (27) जो आचार्य आदि अपनी प्रशंसा के लिए मंत्रादि का प्रयोग करते हैं। (28) जो इहलोक और परलोक में भोगोपभोग पाने की अभिलाषा करता है। (29) जो देवताओं की निन्दा करता है या करवाता है। (30) जो असर्वज्ञ होते हुए भी अपने आपको सर्वज्ञ कहता है। (अ) दर्शन-मोह- जैन-दर्शन में 'दर्शन' शब्द तीन अर्थों में प्रयुक्त हुआ है- (1) प्रत्यक्षीकरण, (2) दृष्टिकोण और (3) श्रद्धा। प्रथम अर्थ का सम्बन्ध दर्शनावरणीय कर्म से है, जबकि दूसरे और तीसरे अर्थ का सम्बन्ध | मोहनीय-कर्म से है। दर्शन-मोह के कारण प्राणी में सम्यक दृष्टिकोण का अभाव होता है और वह मिथ्या धारणाओं एवं विचारों का शिकार रहता है, उसकी विवेकबुद्धि असंतुलित होती है। दर्शनमोह तीन प्रकार का है(1) मिथ्यात्व मोह- जिसके कारण प्राणी असत्य को सत्य तथा सत्य को असत्य समझता है। शुभ को अशुभ और अशुभ को शुभ मानना मिथ्यात्व-मोह है। (2) सम्यक मिथ्यात्व मोह-सत्य एवं असत्य तथा शुभ एवं अशुभ के सम्बन्ध में अनिश्चयात्मक दृष्टि (3) सम्यक्त्व मोह- क्षायिक-सम्यक्त्व की उपलब्धि में बाधक सम्यक्त्व-मोह है, अर्थात् दृष्टिकोण की आंशिक विशुद्धता। (ब) चारित्र-मोह- चारित्र-मोह के कारण प्राणी का आचरण अशुभ होता है। चारित्र-मोहजनित अशुभाचरण पच्चीस प्रकार का है- (1) प्रबलतम क्रोध, (2) प्रबलतम मान, (3) प्रबलतम माया (कपट), (4) प्रबलतम लोभ, (5) अति क्रोध, (6) अति मान, (7) अति माया (कपट) (12) साधारण लोभ, (13) अल्प क्रोध, (14) अल्प मान, (15) अल्प माया (कपट) और (16)
SR No.004418
Book TitleJain Aachar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherPrachya Vidyapith Shajapur
Publication Year2015
Total Pages288
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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