________________ आगम निबंधमाला भिक्षाचर्या के 30 प्रकार :१-द्रव्य- द्रव्यों से सम्बन्धी नियम या अभिग्रह करके आहार लेना। २-क्षेत्र- ग्रामादि क्षेत्रों में से किसी एक क्षेत्र सम्बन्धी वास, गली, घर आदि का अभिग्रह करके आहार लेना / ३-काल- दिन के अमुक भाग में आहार लेने का अभिग्रह करना / ४-भाव- अमुक वय, वस्त्र या वर्ण वाले से आहार लेने का अभिग्रह करना / ५-उक्खित्त चरए- किसी बर्तन में भोजन निकालने वाले से आहार लेने का अभिग्रह करना / ६-निक्खित्त चरए- किसी बर्तन में भोजन डालने वाले से आहार लेने का अभिग्रह करना / . ७-उ. नि. चरए- किसी एक बर्तन में भोजन लेकर दूसरे बर्तन में डालने वाले से आहार लेने का अभिग्रह करना / ८-नि. उ. चरए- किसी एक बर्तन में निकाले हुए भोजन को, दूसरे बर्तन में लेने वाले से आहार लेने का अभिग्रह करना / ९-वट्टिज्जमाण चरए- किसी के लिए थाली में परोसा हुआ आहार लेने का अभिग्रह करना / १०-साहरिज्जमाण चरए- अन्यत्र कहीं भी ले जाने वाले से आहार लेने का अभिग्रह करना / ११-उवणीय चरए- आहार की प्रशंसा करके देने वाले से आहार लेने का अभिग्रह करना / १२-अवणीय चरए- आहार की निन्दा करके देने वाले से आहार लेने का अभिग्रह करना / १३-उव. अव. चरए- जो आहार की पहले प्रशंसा करके बाद में निन्दा करे उससे आहार लेने का अभिग्रह करना / १४-अव. उव. चरए- जो आहार की पहले निन्दा करके बाद में प्रशंसा करे उससे आहार लेने का अभिग्रह करना / १५-संसट्ठ चरए- लिप्त हाथ, पात्र या चम्मच से आहार लेने का अभिग्रह करना / 247