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________________ - आँखों के लिए अभ्यास आगे दिये गये अभ्यासों को यदि धैर्य व लगन से किया जाये तो आँखों के मांसपेशी-सम्बन्धी एवं स्नायविक सभी प्रकार के दृष्टिविकार ठीक किये जा सकते हैं। जिन लोगों ने लम्बे समय तक इन अभ्यासों को किया है, उनका चश्मा लगाना छूट गया है / अनेक व्यक्ति इसके उदाहरण हैं। प्रत्येक अभ्यास के बाद आँखों को बन्द करके आधा मिनट विश्राम देना चाहिये / जितनी अधिक बार इन अभ्यासों को किया जायेगा, उतना ही अच्छा होगा। वैसे दैनिक कार्यक्रम में समय की कमी होने पर पूरे क्रम को एक बार प्रातः और एक बार शाम को कर लेना काफी है। ऐसी स्थिति में अभ्यासों को अत्यधिक जागरूकता एवं समर्पण की भावना से करना चाहिये / अभ्यास 1 : आँखों पर हथेलियों रखना विधि उगते हुए सूरज के सामने आँखें बन्द करके बैठ जाइये / अपनी हथेलियों को कस कर रगड़िये / जब वे गर्म हो जायें तो उन्हें आँखों पर रखिये / कुछ क्षणों तक इसी स्थिति में रहिये और अनुभव कीजिये जैसे गर्मी और शक्ति दोनों हाथों से निकलकर आँखों में जा रही है / दो-तीन मिनटों के बाद हाथ हटा लीजिये / आँखें बराबर बन्द रहें। . इस अभ्यास को कम से कम 3 बार दुहराइये / टिप्पणी इसे दिन में किसी भी समय किया जा सकता है / लाभ दृष्टि से सम्बन्धित स्नायुओं को यह अभ्यास शिथिल करता है एवं थकान * को दूर कर पुनः शक्ति भर देता है /
SR No.004406
Book TitleAasan Pranayam Mudra Bandh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSatyanand Sarasvati
PublisherBihar Yog Vidyalay
Publication Year2004
Total Pages440
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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