________________ नाकासन . 0.0000 - ..... . . . ... . - . 00 . . -. ... . - - -.0 . ... . ... ... . . . ... अभ्यास 21 अभ्यास 21 (1) : नौकासन विधि पीठ के बल सपाट लेट जाइये / भुजाएँ शरीर के दोनों ओर तथा हथेलियाँ जमीन की ओर रहें। श्वास लीजिये और पैरों, भुजाओं, सिर तथा धड़ को जमीन से ऊपर उठाइये। .. सिर जमीन से एक फुट से अधिक नहीं उठना चाहिये / भुजाओं को भी - उसी ऊँचाई पर एवं पैरों की अंगुलियों की सीध में रखिये। सुखपूर्वक जितनी देर उठी हुई स्थिति में रह सकें, रहें / फिर रेचक करते हुए धीरे-धीरे जमीन पर वापस आ जाइये। पूरे शरीर को ढीला छोड़ दीजिये / इस आसन को 5 बार कीजिये / अभ्यास 21 (2). : नौकासन * इसी आसन को फिर कीजिए, लेकिन इस बार उठी हुई स्थिति में जितना सम्भव हो सके, मुठ्ठियों को भींचिए और सारे शरीर में तनाव उत्पन्न कीजिए। श्वास छोड़ते हुए शरीर को जमीन पर एकदम गिरा दीजिये ( शरीर को बिना किसी प्रकार से चोट पहुँचाए ) और तुरन्त पूरे शरीर को ढीला छोड़ दीजिये / शरीर को तुरन्त शिथिल करने की यह बड़ी ही शक्तिशाली विधि है।