________________ वायु (वात) निरोधक अभ्यास ये अभ्यास पेट में रुकी हुई वायु निकालने में अत्यन्त उपयोगी हैं / वे लोग ज़ो कब्ज व अपचन से पीड़ित हैं, इन अभ्यासों को रामबाण औषधि के रूप में पायेंगे | पवनमुक्तासन का यह दूसरा भाग शरीर को अन्य कठिन आसनों के लिये तैयार करने में बड़ा सहायक है / इनका अभ्यास वे लोग भी कर सकते हैं जो स्नायु व मांसपेशी की गड़बड़ी अथवा टूटी हुई हड्डियों से पीड़ित हैं। _ अभ्यासों को प्रारम्भ करने से पूर्व शरीर एवं मन को शांत एवं शिथिल कर लेना चाहिये। इस स्थिति को प्राप्त करने का उत्तम ढंग शवासन है जिसका वर्णन पवनमुक्तासन के गठिया निरोधक क्रम के प्रारम्भ में दिया जा चुका है।