________________ स्वास्थ्य-प्राप्ति हेतु एवं अशक्त व वयोवृद्धों के लिए पवनमुक्तासन - भाग 1 (अभ्यास 6 से 10 तक छोड़कर), एकाग्रतापूर्वक व -धीमी गति से / शिथिलीकरण का आसन (कोई भी)। लेटकर उदर द्वारा श्वसन (प्राणायाम की प्रस्तावना देखिये)। उज्जायी प्राणायाम (आरामदायक स्थिति में)। शीतली एवं शीतकारी प्राणायाम (बैठकर या लेटकर)। उच्च अभ्यास, विशेषकर योगनिद्रा, अजपाजप और अन्तर्मोन का प्रतिदिन / नियमित अभ्यास। प्रारम्भिक अभ्यासियों के लिए (क) संक्षिप्त कार्यक्रम (कड़े शरीर वालों के लिए) पवनमुक्तासन - भाग 1, शक्ति बंध के आसन, शवासन | यौगिक श्वसन - (प्राणायाम की प्रस्तावना देखिये)। (ख) अपेक्षाकृत विस्तृत कार्यक्रम पवनमुक्तासन- भाग 1 और 2 शक्ति बन्ध के आसन, वज्रासन, मार्जारि आसन, शवासन / नाड़ी शोधन प्राणायाम (प्रथम एवं द्वितीय अवस्था), शीतली और शीतकारी प्राणायाम। (ग) उच्च अभ्यास कार्यक्रम सूर्य नमस्कार / . * पवनमुक्तासन - भाग 1 और 2 (समयानुसार अंग - विशेष के शिथिलीकरण के लिए आवश्यक है)। वज्रासन, शशांकासन, शशांक भुजंगासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन, अर्ध शलभासन, सरल धनुरासन, पाद हस्तासन, मेरु वक्रासन, पूर्व हलासन, शवासन। नाड़ी शोधन प्राणायाम - प्रथम एवं द्वितीय अवस्था, भ्रामरी प्राणायाम | 389