________________ शाम्भवी मुद्रा शाम्भवी मुद्रा शाम्भवी मुद्रा / विधि ध्यान के किसी आसन में बैठिये / पीठ सीधी रहे। हाथों को घुटनों पर चिन्मुद्रा या ज्ञान मुद्रा में रखिये / सामने किसी बिन्दु पर दृष्टिं एकाग्र कीजिये। तत्पश्चात् अधिक से अधिक ऊपर देखने का प्रयास कीजिये / सिर स्थिर रहे / अब भ्रूमध्य - दृष्टि कीजिये / विचारों को रोकिये / ध्यान कीजिये। समय - जितनी देर संभव हो / प्रारंभ में कुछ देर अभ्यास कीजिये / .' अभ्यास करते हुए धीरे-धीरे समय बढ़ाइये। लाभ आज्ञा चक्र को जाग्रत करने वाली एक शक्तिशाली क्रिया है / आज्ञा चक्र निम्न एवं उच्च चेतना को जोड़ने वाला केन्द्र है। शारीरिक लाभ प्रदान कर आँखों के स्नायुओं को मजबूत बनाता है। मानसिक स्तर पर इस अभ्यास से मन की शान्ति प्राप्त होती है, तनाव एवं चिन्ता का निवारण होता है। 301