________________ उड्डियान बन्ध (प्रकारान्तर) उड्डियान बन्य (प्रकारान्तर) - पैरों को परस्पर आधा मीटर दूर रखते हुए खड़े हो जाइये / कुछ सामने झुकिये / हथेलियों को सामने जाँघों पर रखिये। दृष्टि सामने रखिये / दीर्घ पूरक कीजिये; तत्पश्चात् दीर्घ रेचक / उदर के स्नायुओं को संकुचित कर भीतर खींचिये / पेट का मध्यवर्ती स्थल नतोदर (concave) अवस्था में आ जाये। दृष्टि सामने रखकर इसी स्थिति में रुकिये। . कुछ देर श्वास रोककर 'बन्ध' शिथिल कीजिये / ... . धीरे - धीरे पूरक कीजिये। टिप्पणी - यह अभ्यास अपेक्षाकृत सरल है; अतः प्रारम्भिक अभ्यासियों के लिए उचित है। शेष विवरण बैठकर किये जाने वाले उड्डियान बंध की भाँति ही हैं।