________________ जालन्धर बन्ध जालन्धर बन्ध जालन्धर बन्ध विधि पद्मासन या सिद्धासन में बैठे अथवा खड़े होकर अभ्यास करें। हाथों को घुटनों के ऊपर रखिये। सम्पूर्ण शरीर को शिथिल कीजिये / नेत्रों को बन्द कीजिये। दीर्घ पूरक के बाद अन्तरंग कुम्भक कीजिये / सिर को सामने झुकाइये तथा ठुड्डी को छाती पर दबाइये। हाथों पर बल डालते हुए उन्हें अचल अवस्था में रखिये | दोनों कन्धों को एक साथ ऊपर उठाकर कुछ सामने रखिये / इससे हाथ सीधे व स्थिर रहेंगे। यह अन्तिम अवस्था है। श्वास को रोकने की क्षमतानुसार इस अवस्था में रुकिये। कंधों को शिथिल कीजिये, हाथों को मोड़कर सिर ऊपर उठाइये / धीरे-धीरे रेचक कीजिये / सामान्य श्वसन के बाद पुनरावृत्ति कीजिये / टिप्पणी बहिरंग कुम्भक के अभ्यास के साथ भी यह क्रिया की जा सकती है / ठुड्डी को झुकाकर छाती से दबाने के कारण इस अभ्यास में वायु-नलिका 288