________________ स्नान . अच्छा होगा कि आसनों से पूर्व शीतल जल से स्नान कर लें। यह आसनों के प्रभाव को बहुत बढ़ा देगा / शिथिलीकरण आसन करने के पहले और बाद में शवासन करें। शरीर को अधिक से अधिक ढीला एवं तनावरहित छोड़ने पर ध्यान दें। यदि आसनों के अभ्यास के मध्य में आप थकान का अनुभव करें तो शवासन कर लें / शवासन बड़ा सरल प्रतीत होता है, परन्तु इसे उचित ढंग से पूर्ण शिथिलीकरण के साथ करना बड़ा कठिन है। भोजन आसनों के अभ्यासियों के लिये भोजन के कोई विशेष नियम नहीं हैं, परन्तु उनके लिये यह अधिक हितकर होगा कि वे प्राकृतिक खाद्य-पदार्थ ग्रहण करें और तर्क-संगत मध्यम मार्ग अपनायें | लोकप्रिय एवं सामान्य राय के विपरीत योग यह नहीं कहता कि आप शाकाहारी हो जायें; यद्यपि योग की उच्च अवस्थाओं में अभ्यासी को शाकाहारी होने की सलाह भी दी जाती है। एक योग अभ्यासी के लिये उचित सलाह यही है कि वह आधा पेट भोजन से भर ले, एक चौथाई पानी से भरे और शेष एक चौथाई खाली छोड़ दे / अपनी भूख शान्त करने के लिए तो पर्याप्त भोजन लेना चाहिए, लेकिन इतना अधिक नहीं कि भारीपन और सुस्ती का अनुभव होने लगे | दो दृष्टिकोण हैं- क्या आप जीने के लिए खा रहे हैं अथवा खाने के लिये जी रहे हैं ? . . यदि आसन आध्यात्मिक प्रगति को ध्यान में रखते हुए किये जा रहे हैं तो अभ्यासी को ऐसे भोजन से बचना चाहिये जो पाचन प्रणाली में अम्लता या वायु उत्पन्न करे। ___ यदि किसी विशेष रोग से पीड़ित हैं तो भोजन-संबंधी सावधानियाँ उस रोग विशेष के अनुसार बरती जानी चाहिए / इस संबंध में विशेषज्ञ से राय अवश्य ही लेना चाहिए। आसनों का त्याग यदि आसन के दौरान शरीर के किसी अंग में अत्यधिक पीड़ा होती है तो उस आसन का अभ्यास तुरन्त बंद कर किसी जानकार से आवश्यक 13