________________ प्राणायाम के अभ्यासियों के लिए निर्देश एवं सावधानियाँ प्राणायाम को प्रारम्भ करने के पूर्व निम्न बातों का सावधानीपूर्वक पठन एवं उनका पालन आवश्यक है१. प्राणायाम के पूर्व जठर, आँतों एवं मूत्राशय को खाली कर लेना चाहिए / भोजन के उपरांत कम से कम चार घंटे पश्चात् ही प्राणायाम का अभ्यास कीजिये। 2. आसन के उपरांत तथा ध्यानाभ्यास के पूर्व प्राणायाम कीजिये / 3. प्राणायाम के समय शरीर को अधिक से अधिक शिथिल कीजिये / 4. प्राणायाम के समय किसी भी प्रकार का तनाव शरीर पर न पड़ने पाये / - सुखदायक स्थिति तक ही कुम्भक लगाइये; अन्यथा फेफड़ों पर कई प्रतिक्रियायें हो सकती हैं। 5. हवादार, साफ, सुखद वातावरण में अभ्यास कीजिये | गंदे, बदबूदार या धुएँमय कमरे में प्राणायाम नहीं करना चाहिए / जहाँ अत्यधिक वायु प्रवाह हो उस स्थान पर भी अभ्यास नहीं करना चाहिए / 6. प्राणायाम की प्रारंभिक अवस्था में अपचन या मूत्र की मात्रा में कमी हो सकती है / यदि कड़े दस्त हों तो नमक एवं मिर्च-मसाले त्याग दीजिये / यदि पतले दस्त होने लगें तो कुछ दिनों के लिए अभ्यास बंद कर दीजिये ... एवं चावल तथा दही का ही सेवन कीजिये / 7. प्राणायाम के समय बाहरी बाधाओं जैसे मच्छर - मक्खियों से बचने के लिए " शरीर पर हल्का कपड़ा डाल लीजिये। 8. सिद्धासन तथा सिद्धयोनि आसन ही प्राणायाम के लिए सर्वोत्तम आसन हैं क्योंकि इनमें कंधों का फैलाव अधिकतम रहता है। 9. प्राणायाम के उच्च अभ्यास अच्छे प्रशिक्षित निर्देशक की उपस्थिति में ही करने चाहिए। 10 प्राणायाम का अधिकता से अभ्यास करने वालों को धूम्रपान, तम्बाकू, मांस जैसी उत्तेजक वस्तुओं का त्याग कर देना चाहिए / 269