________________ अष्ट वक्रासन . अष्ट वक्रासन अष्ट बक्रासन विषि पैरों को लगभग आधा मीटर दूर रखते हुए खड़े हो जाइये / घुटनों को मोड़िये / पैरों के मध्य से बायीं हथेली को भूमि पर रखिये। दाहिनी हथेली को दाहिने पैर के कुछ सामने जमीन पर रखिये / बायें पैर को बायीं भुजा पर रखिये। भुजाओं के मध्य बायीं भुजा के निकट दाहिने पैर को फैलाइये / - दोनों जाँघों के मध्य स्थित भुजा को इस प्रकार रहना चाहिये कि उसकी केहुनी जाँघों के नीचे रहे। दोनों हाथों को केहुनी - प्रदेश से मोड़िये / शरीर को भुजाओं पर सन्तुलित कीजिये / यह पूर्णावस्था है। शरीर के दूसरी ओर से यही क्रिया कीजिये / श्वास पूर्णावस्था में सामान्य श्वास-प्रश्वास / एकाग्रता .. सन्तुलन बनाये रखने पर। 253