________________ सावधानी नये अभ्यासी एक हफ्ते तक नियमित रूप से पूर्व हलासन का अभ्यास करें। इससे उनकी पीठ की मांसपेशियाँ लचीली बन जायेगी। इसके बाद ही हलासन का अभ्यास करना चाहिए / सीमाएँ - वृद्ध, दुर्बल तथा उच्च रक्तचाप व साइटिका वाले इसे न करें। लाम हलासन उदर प्रदेश के अंगों, विशेषकर वृक्क, यकृत व क्लोम के कार्यों को व्यवस्थित करता है। अपचन दूर कर पाचन-शक्ति बढ़ाता है। चर्बी दूर करता है- विशेषकर छाती की। चुल्लिका ग्रंथि की क्रिया को नियमित करता है जिससे सम्पूर्ण शरीर की चयापचय क्रिया में संतुलन आता है। बवासीर एवं मधुमेह की बीमारी का उपचार करता है। मेरुदंड को लचीला बनाता है एवं संबंधित नाड़ियों को शक्ति प्रदानकर अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य प्रदान करता है। 285