________________ द्रुत हलासन द्रुत हलासन द्रुत हलासन विधि लेट जाइये / हाथ सिर के पीछे रहें। शीघ्रता से हलासन कीजिये / पुनः लेटी हुई अवस्था में आ जाइये / तुरंत धड़ को सामने झुकाकर पश्चिमोत्तानासन कीजिये। प्रारंभिक स्थिति में आ जाइये / क्रिया की पुनरावृत्ति कीजिये / श्वास क्रिया प्रारंभ करने के पूर्व दीर्घ श्वास लेकर श्वास छोड़िये / शीघ्र मोड़ते समय बहिर्कुम्भक लगाइये / . स्थिर अवस्था में पूरक कीजिये। टिप्पणी इस आसन को समान गति से अच्छी तरह करना चाहिए। सावधानी सतर्क रहिये कि किसी मांसपेशी या फेफड़ों पर तनाव न पड़ने पाये। सीमाएँ प्रारम्भिक अभ्यासी, वृद्ध या साइटिका से ग्रस्त लोग इसे न करें। लाभ पाचन शक्ति सुधारता है / अपचन दूर करता है / वृक्क एवं अधिवृक्क (suprarenal glands) तथा आँखों को क्रियाशील बनाता है। यकृत, पित्ताशय व पृष्ठ - प्रदेश का व्यायाम कराता है। 206