________________ निरालम्ब शीर्षासन निरालम्ब शीर्षासन निरालम्ब शीर्षासन . विपि . इसमें 'सालम्ब शीर्षासन' से अन्तर यह है कि हाथ मुख के सामने सीधे :: तने हुए रहते हैं। पूरे आसन-काल में हाथ इसी दशा में रहेंगे। प्रकारान्तर- पानिरालम्ब शीर्षासन विधि . पद्मासन में घुटनों के बल खड़े हो जाइये। .. हाथों के मध्य सिर को रखिये। हाथों को पैरों के नीचे के स्थान पर ले आइये / केहुनियाँ सीधी रहें। .. भुजाओं का उपयोग छड़ की भाँति कीजिये और पैरों को उठाकर छाती के पास लाइये / नितंबों पर जोर देकर पैरों को ऊपर उठाइये / - अब आप 'पद्म निरालम्ब शीर्षासन' की अवस्था में हैं। इसी की विपरीत क्रिया कर पूर्व स्थिति में लौट आइये / शेष विवरण शीर्षासन की तरह ही है। 195