________________ जानु शिरासन व अर्ध पद्म पश्चिमोत्तानासन जानु शिरासन अर्ध पद्म पश्चिमोत्तानासन जानु शिरासन विधि सामने की ओर पैर फैलाकर बैठ जाइये / . बायें पैर को मोड़िये और इस प्रकार रखिये कि एड़ी पेरेनियम से छूती रहे / व पंजा दायें पैर की जाँघ से सटा हुआ रहे / आगे की ओर झुकिये व पैर के अंगूठे को पकड़ने का प्रयत्न कीजिये। धड़ को इतना आगे झुकाइये कि माथा घुटने से छूने लगे। थोड़ी देर इस स्थिति में रुककर पूर्व स्थिति में वापस आइये / इसी क्रिया को दूसरा पैर मोड़कर कीजिये। , श्वास आगे की ओर झुकते समय श्वास छोड़िये / यदि अन्तिम स्थिति में थोड़ी देर रुकते हैं तो श्वास रोकिये। अर्थ पद्म पश्चिमोत्तानासन विधि जानु शिरासन में बतलाई गयी विधि के अनुसार दायें पैर को सामने की ओर फैलाकर तथा बायें पैर का पंजा दायें पैर की जाँघ पर रखकर बैठ जाइये / जानु शिरासन की क्रिया दुहराइये / यदि हो सके तो बायें हाथ को पीठ के पीछे से घुमाकर बायें पैर को पकड़िये / शेष सभी विवरण जानु शिरासन के अनुसार ही होंगे। 172