________________ पश्चिमोत्तानासन in . . . . . . . . . . . . . . . .. ...... . .. . .. . .. . . . . . . . ........ . . . . ..... . .. . . . . .. . . . . . . . . . . . .............. . . . . ..... . . -. . . . -... -.. . ::::::::::::::::::::::::::::::::::::::: पश्चिमोत्तानासन पश्चिमोत्तानासन ... हथेलियों को जाँघों पर रखते हुए पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाइये। - शरीर को धीरे - धीरे आगे की ओर झुकाइये / .. पैरों के अंगूठों को पकड़ने का प्रयल कीजिए। यदि संभव न हो तो टखनों को पकड़िये / माथे से घुटनों को स्पर्श करने का प्रयल कीजिए। नये अभ्यासी शुरू में केवल उतना ही झुकें, जितना वे आराम से झुक सकें। . किसी भी हालत में शरीर पर जोर मत डालें। अंतिम स्थिति में जितनी देर आराम से रह सकें, रहिये / तत्पश्चात् शरीर को ढीला करते हुए पहले की स्थिति में लौट आइये / अभ्यास के दौरान घुटने नहीं मोड़ने चाहिए / / आगे झुकते समय श्वास बाहर छोड़िये / जितनी देर रुक सकें। . आध्यात्मिक लाभ के लिए अधिक देर तक रुका जा सकता है। 167