________________ गोमुखासन मोमुखासन गोमुखासन विधि . बायें पैर की एड़ी को दाहिने नितम्ब के समीप रखिये / दाहिने पैर को बायीं जाँघ के ऊपर रखिये / घुटने एक-दूसरे के ऊपर रहें। .. बायें हाथ को पीठ के पीछे ले जाइये / दाहिने हाथ को भी दाहिने कन्धे पर से पीछे ले जाइये / हाथों को परस्पर बाँध लीजिये / धड़ सीधा लम्बवत् रहे / नेत्रों को बन्द रखिये / एकाग्रता .. आध्यात्मिक : आज्ञा चक्र पर / शारीरिक एवं मानसिक : श्वसन - प्रक्रिया पर / लाभ मधुमेह रोग, पीठ - दर्द, कंधों के कड़ेपन, ग्रीवा के दोष तथा लैंगिक - विकारों को दूर करने में मदद करता है। छाती को पुष्ट बनाता है। वृक्कों को उत्प्रेरित करता है तथा साइटिका को कम करता है। 165