________________ कंधरासन -. -- -...m o me. moves कंधरासन कंपरासन विधि घुटनों को नितम्बों के पास रखते हुए पीठ के बल लेट जाइये / पैरों के टखनों को पकड़िए / नितम्बों को ऊपर उठाइये / पैरों व कंधों को इधर-उधर मत सरकाइये / शरीर को पैरों, कन्धों, गर्दन व हाथों पर साधे रखिये और इसी स्थिति में कुछ देर रुककर पूर्व स्थिति में वापस आ जाइये / श्वास ..इसे करते वक्त श्वास अन्दर रोककर रखिये। आवृत्ति .साधारण अवस्था में 10 बार कीजिये / विशेष रोग में साधारण श्वास के साथ अंतिम अवस्था में रुकिये / एकाग्रता आध्यात्मिक : विशुद्धि चक्र पर / शारीरिक : उदर प्रदेश या चुल्लिका ग्रन्थि पर / - इसे सामने की ओर झुकने वाले आसनों के बाद कीजिये। सीमाएँ . .. गर्भावस्था में न करें। लाभ अपने स्थान विशेष से खिसकी हुई हड्डी को बैठाने में तथा पीठ के दर्द, . गोल कन्धों व गर्भपात के संदर्भ में बहुत ही लाभप्रद है। 155