________________ पूर्ण धनुरासन पूर्ण धनुरासन पूर्ण धनुरासन विधि - प्रारम्भ की बिल्कुल उसी अवस्था में आ जाइये जिसमें धनुरासन करते हैं। . अन्तर केवल इतना ही रहेगा कि पैरों के टखनों को पकड़ने के बदले पैरों के अंगूठों को पकड़ा जायेगा / हाथों से अंगूठों को पकड़ने का ढंग ऐसा होगा कि हाथों के अंगूठे पैरों के तलवों की तरफ रहें और अंगुलियाँ पैरों के पंजों पर रहें। इसमें पैर, जाँघ, सीना व सिर अपेक्षाकृत अधिक ऊपर उठाये जाते हैं। शरीर को अधिक ऊपर उठाने के लिए. हाथों को पहले तो बाजू में रखिये, -फिर कन्धों से ऊपर ले जाइये। * धनुरासन के अभ्यास में वर्णित श्वास के समान / टेपणी श्वास स्वाभाविक होने तक आसन को न दुहराया जाये / - जिन अभ्यासियों की पीठ लचीली नहीं है, वे इसे न करें। इस आसन से भी वे सभी लाभ ज्यादा प्रभावशाली ढंग से होते हैं जो धनुरासन से होते हैं। 1. बाकी सभी विवरण वही रहेंगे जो धनुरासन के लिए दिये गये हैं। 153