________________ तिर्यक् भुजंगासन प्रकारान्तर 3 (तिर्यक् भुजंगासन) . विधि मूल भुजंगासन की अन्तिम स्थिति में आइये / सिर व धड़ को एक दिशा में मोड़कर दूसरे पैर की एड़ी को देखिये / विपरीत दिशा में इसी क्रिया को दुहराइये। श्वास बायीं या दाहिनी ओर मुड़ते समय श्वास को बाहर रोके रखिये। मूल भुजंगासन की अन्तिम स्थिति में वापस आकर पूरक कीजिये / पूर्व स्थिति में लौटते समय श्वास बाहर छोड़िये / आवृत्ति बारी-बारी से दोनों ओर 10-10 बार मुड़िये। .. टिप्पणी यह आसन शंख प्रक्षालन की क्रिया करते समय किया जाता है। 146