________________ पीछे झुकने वाले आसनों को करते समय उदर से संबंधित अंगों पर दबाव पड़ता है- विशेष तौर पर उदर के निम्न भाग में स्थित मांसपेशियों (rectus abdominal muscles) पर / इस प्रकार यह आसन आंतरिक उदर के अवयवों व स्नायुओं की अच्छी मालिश करता है जिससे उन सभी अंगों की कार्य-क्षमता में अपूर्व वृद्धि होती है जो कि उन्हें दोष रहित बनाने व बीमारियों को दूर करने के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। ___इन आसनों में तीन आसनों भुजंगासन, शलभासन व धनुरासन को यदि नियमपूर्वक किया जाये तो ये विशेष रूप से बहुत ही लाभदायक आसन हैं / सम्पूर्ण मेरुदण्ड पर एवं ऊपर से लेकर नीचे तक तथा पीठ पर फैले हुए समस्त नाड़ी संस्थान पर इन आसनों का बहुत ही शक्तिशाली प्रभाव पड़ता है। इसके साथ-साथ ये आसन उदर व पेड़ को भी अच्छी तरह तानते व उन सारे अंगों को अच्छी तरह दबाते हैं। अभ्यासियों को या अच्छे स्वास्थ्य की कामना रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उपरोक्त तीनों आसन नित्य नियमपूर्वक करने चाहिए। 142